नवीनतम लेख

रंग बरसे लाल गुलाल, हो गुलाल(Rang Barse Laal Gulal Ho Gulal)

रंग बरसे लाल गुलाल,

हो गुलाल,

वृषभानलली के मन्दिर में,

सब हो गए लालों लाल, राधा रानी के मन्दिर में ॥


भीगे चुनरी चोली दामन,

मुख हो गए लाल गुलाल,

हो गुलाल,

वृषभानलली ॥


सुन सुन कर साजों की सरगम,

सब नाचें बजाकर ताल,

हो ताल,

वृषभानलली ॥


राधा रूप छटा मन मोहिनी,

कर दरस हो मनवा निहाल,

निहाल,

वृषभानलली ॥


मन ‘मधुप’ डूबा रंग रस में,

सब बोलें जय जयकार,

जयकार,

वृषभानलली ॥

सिंघ सवारी महिमा भारी: भजन (Singh Sawari Mahima Bhari)

सिंघ सवारी महिमा भारी,
पहाड़ों में अस्थान तेरा,

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है (Sharan Mein Hum Tumhare Aa Pade Hai)

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,
ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,

कार्तिगाई दीपम उत्सव के शुभ मुहूर्त

दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला कार्तिगाई दीपम उत्सव एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये, तीन लोक (Dhan Dhan Bholenath Bant Diye Teen Lok)

प्रथम वेद ब्रह्मा को दे दिया,
बना वेद का अधीकारी ।

यह भी जाने