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सवारिये ने भूलूं न एक घडी(Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)

पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान

है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द

और सुनी मुनि जन, पढ़त वेद शास्त्र अंग

मारी जनम गोकुल मे घटे

मिटत सब दुःख दुःख

आज को आनंद आनंद आनंद

आज ही आनंद आनंद आनंद


मथुरा नगर मे, जनम पायो

हो मथुरा नगर मे, जनम पायो

हो खेलत खेले गोकुल री गली

सवारिये ने भूलूं न एक घडी

हो भूलूं न एक घडी, सवारिये भूलूं न एक घडी...


हो खेले गोकुल पूरी गली

सावरिये ने भूलूं न एक घडी

कृषण जी को भूलूं न एक घडी

हो भूलूं न एक घडी, सवारिये भूलूं न एक घडी..


मात यशोदा पालन हीडोले

हाथ मे रेशम री छड़ी

सावरिये ने भूलूं ने एक घडी

कृषण (कृष्णा) जी को भूलूं न एक घडी


कानु (कृष्णा) मारे जीव री झड़ी

सावरिये ने भूलूं ने एक घडी

कृषण जी को भूलूं न एक घडी


मात यशोदा दहिड़ो बिलोवे

हो हाथ में माखन री डली

सावरिये ने भूलूं ने एक घडी

कृषण जी को भूलूं न एक घडी


मीरा के प्रभु गिरधर नागर

हो खोजो खोजो खबर बड़ी

बालुड़े ने भूलूं न एक घडी

कानु (कृष्णा) मारे जीव री झड़ी

सावरिये ने भूलूं ने एक घडी

कृषण जी को भूलूं न एक घडी

राम नवमी 2025 तिथि और मुहूर्त

राम नवमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और विशेष पर्व है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कैसे करें तर्पण

मार्गशीर्ष माह भगवान कृष्ण, जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। ऐसे में इस माह में जो पूर्णिमा तिथि आती है।

कितने साल तक रखना चाहिए एकादशी और प्रदोष व्रत

हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत धार्मिक श्रद्धा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ के लिए किए जाते हैं।

एकादशी व्रत फरवरी 2025

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

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