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पायो जी मैंने राम रतन धन पायो (Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु ।

कृपा कर अपनायो ॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


जन्म जन्म की पूंजी पाई ।

जग में सबी खुमायो ॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे।

दिन दिन बढ़त सवायो॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


सत की नाव खेवटिया सतगुरु।

भवसागर तरवयो॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।


मीरा के प्रभु गिरिधर नगर।

हर्ष हर्ष जस गायो॥

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

आ लौट के आजा हनुमान (Bhajan: Aa Laut Ke Aaja Hanuman)

आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।

मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे (Mere Man Mandir Me Tum Bhagwan Rahe)

मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे,
मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।

विवाह पंचमी के शुभ संयोग

विवाह पंचमी का त्योहार भगवान राम और माता सीता के विवाह के पावन अवसर के रूप में मनाया जाता है। लोग इस दिन वैवाहिक जीवन में शांति के लिए भगवान राम और माता सीता की पूजा करते है।