नवीनतम लेख

भगवान अय्यप्पा की पूजा कैसे करें?

इस विधि से करें भगवान अय्यप्पा की पूजा, सुख-शांति और आरोग्य का मिलेगा आशीर्वाद


भगवान अय्यप्पा हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, जो विशेष रूप से केरल राज्य में पूजे जाते हैं। वे विष्णु और शिव के संयुक्त रूप माने जाते हैं। अय्यप्पा के बारे में कई कथाएं हैं, जो विभिन्न पौराणिक ग्रंथों और धार्मिक कथाओं में बताई जाती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय देवों और राक्षसों के बीच युद्ध हो रहा था। राक्षसों को पराजित करने के लिए भगवान विष्णु ने माया रूप में मोहिनी के रूप में अवतार लिया और भगवान शिव के साथ मिलकर अय्यप्पा को जन्म दिया। भगवान अय्यप्पा का जन्म एक दिव्य उद्देश्य से हुआ था ताकि वे राक्षसों का विनाश कर सकें और देवों की सहायता कर सकें। भगवान अय्यप्पा के पूजन का मुख्य स्थान शबरीमला मंदिर है, जो केरल राज्य के पठानमठिट्टा जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान अय्यप्पा का प्रमुख स्थल है। अब ऐसे में भगवान अय्यप्पा की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 


भगवान अय्यप्पा की पूजा की पूजा के लिए सामग्री


  • अय्यप्पा की मूर्ति
  • दीपक
  • अगरबत्ती
  • धूप
  • फूल
  • चावल
  • नारियल
  • फल
  • कुमकुम
  • चंदन
  • हल्दी
  • विभूति
  • तुलसी के पत्ते
  • गंगाजल
  • दूध
  • दही
  • शहद
  • घी
  • अक्षत


भगवान अय्यप्पा की पूजा किस विधि से करें? 


  • घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में सफ़ेद कपड़ा बिछाकर चावल की ढेरी पर पीतल का कलश स्थापित करें।
  • कलश में जल, दूध, अक्षत, इत्र, सुपारी, मूंग, व सिक्के डालें।
  • लोटे के मुख पर अशोक के पत्तों पर नारियल रखकर अय्यप्पा कलश स्थापित करें।
  • दीप जलाकर भगवान अयप्पा का ध्यान करें।
  • भगवान अय्यप्पा के मंत्रों का जाप करें। 
  • स्वामीये शरणम् अय्यप्पा: 
  • भगवान अय्यप्पा को फूल, फल और नैवेद्य चढ़ाएं। 
  • 12 सफ़ेद फूल नीले धागे में पिरोकर भगवान अयप्पा पर चढ़ाएं।
  • भगवान अयप्पा पर फलों का रस चढ़ाएं।
  • भगवान अयप्पा पर 6 हल्दी की गांठें चढ़ाएं।
  • भगवान अयप्पा पर पीपल के पत्ते चढ़ाएं।
  • भगवान अय्यप्पा की पूजा करने के बाद आरती करें। 


आपको बता दें, भगवान अय्यप्पा की पूजा विधिवत रूप से एक पुजारी द्वारा ही किया जाना चाहिए। पूजा में विभिन्न प्रकार के मंत्रों का जाप किया जाता है और हवन किया जाता है। भक्तों को 41 दिन का व्रत रखना होता है और उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होता है।


भगवान अय्यप्पा की पूजा का महत्व


भगवान अय्यप्पा की पूजा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। उन्हें शिव और मोहिनी का अवतार माना जाता है। दक्षिण भारत में स्थित सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा की पूजा की जाती है। इस मंदिर में लाखों भक्त हर साल दर्शन के लिए आते हैं।  मान्यता है कि भगवान अयप्पा की पूजा करने से शनि दोष का निवारण होता है। शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है और शनि दोष के कारण व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। भगवान अयप्पा की पूजा करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वे उन्हें जीवन में सफलता, सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं।  भगवान अयप्पा की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।  इतना ही नहीं, भगवान अयप्पा की पूजा करने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।



प्रभु जो तुम्हे हम, बताकर के रोये (Prabhu Jo Tumhe Hum Batakar Ke Roye)

प्रभु जो तुम्हे हम,
बताकर के रोये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें (Sabse Pahle Gajanan Manaya Tumhe)

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे,
तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना (Tumhe Vandana Tumhe Vandana)

तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,
हे बुद्धि के दाता,

बनाएगा मेरी बिगड़ी, मेरा भोला शंकर: भजन (Banayega Meri Bigadi Bhola Shankar)

तेरी दया तेरा साया,
सदा रहता मुझ पर,

यह भी जाने