नवीनतम लेख

शिलान्यास पूजा विधि

Shilanyas Puja Vidhi: शिलान्यास पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, जानें पूजा विधि और प्रक्रिया 



शिलान्यास यानि किसी भी नए भवन या योजना की शुरुआत करना। हिंदू धर्म में किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के पहले पूजा करने की परंपरा है। इसी कारण से बहुत से लोग  शिलान्यास करने से पहले बहुत से लोग पूजा करते हैं। इसे नींव पूजन या भूमि पूजन के नाम से भी जाना जाता है। यह पूजा भूमि की पवित्रता और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। साथ ही ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि निर्माण कार्य किसी भी तरह के विघ्न के बिना संपन्न हो और भवन में रहने वाले लोगों को सुख-समृद्धि प्राप्त हो। यह पूजा व्यक्ति के लिए समृद्धि, सफलता लाती है। चलिए आपको शिलान्यास पूजा की विधि, प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हैं।


शिलान्यास पूजा की प्रक्रिया 


  1. शिलान्यास पूजन  शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। इससे काम अच्छे मुहूर्त में होता है और सुख समृद्धि आती है।
  2. सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति , कलश और नवग्रह यंत्र स्थापित करें।
  3. मूर्ति स्थापित करने के बाद भगवान गणेश और नवग्रह यंत्र की पूजा करें। फिर धूप, दीप, अक्षत, रोली, चावल, फल, मिठाई, फूल और पत्ते भगवान को अर्पित करें.
  4. इसके बाद हवन करें। हवन हो जाने के बाद ईंट या पत्थर को मंत्रों के साथ स्थापित करें और अपने इष्ट देव का मंत्र जाप करें।
  5. अंत में सभी को पूजा का प्रसाद वितरित करें और  ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें।



ध्यान रखने वाली बातें


शिलान्यास पूजा को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। साथ ही पूजा के दौरान घर में शांति का वातावरण बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और उन्हें दान देना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। और सबसे खास बात शिलान्यास पूजा को वास्तु शास्त्र के अनुसार करें।



शिलान्यास पूजा का महत्व 


शिलान्यास पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि यह पूजा भूमि के दोषों को दूर करती है और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है। साथ ही  यह पूजा भूमि को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है, जिससे निर्माण कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। शिलान्यास पूजा करने से भवन की नींव मजबूत होती है और उसमें रहने वाले लोगों का जीवन सुखमय होता है। उन्हें जीवन में किसी भी तरह के विध्न का सामना नहीं करना पड़ता है।



शिलान्यास पूजा का लाभ 


  • शिलान्यास पूजा करने से भूमि की शुद्धि होती है। यह पूजा भूमि को निर्माण के लिए उपयुक्त बनाती है।
  • पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • शिलान्यास पूजा करने से निर्माण कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न होता है।
  • यह पूजा भवन में रहने वाले लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि लाती है। साथ ही शिलान्यास पूजा करने से भवन की नींव मजबूत होती है, जिससे भवन की लंबी आयु सुनिश्चित होती है।

गंगा से गंगाजल भरक (Ganga Se Gangajal Bharke)

गंगा से गंगाजल भरके,
काँधे शिव की कावड़ धरके,

मन लेके आया माता रानी के भवन में (Man Leke Aaya Mata Rani Ke Bhawan Mein)

मन लेके आया,
माता रानी के भवन में
बड़ा सुख पाया

मैं तो अपने मोहन की प्यारी (Me Too Apne Mohan Ki Pyari, Sajan Mero Girdhari)

मैं तो अपने मोहन की प्यारी,
सजन मेरो गिरधारी,

पार करो मेरा बेडा भवानी - नवरात्रि भजन (Paar Karo Mera Beda Bhavani)

पार करो मेरा बेडा भवानी,
पार करो मेरा बेडा।