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ऐसा प्यार बहा दे मैया (Aisa Pyar Baha De Maiya)

या देवी सर्वभूतेषु,

दया-रूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै,

नमस्तस्यै नमो नमः ॥

दुर्गा दुर्गति दूर कर,

मंगल कर सब काज ।

मन मंदिर उज्वल करो,

कृपा करके आज ॥


ऐसा प्यार बहा दे मैया,

चरणों से लग जाऊ मैं ।

सब अंधकार मिटा दे मैया,

दरस तेरा कर पाऊं मैं ॥


जग मैं आकर जग को मैया,

अब तक न मैं पहचान सका ।

क्यों आया हूँ कहाँ है जाना,

यह भी ना मै जान सका ।

तू है अगम अगोचर मैया,

कहो कैसे लख पाऊं मैं ॥

ऐसा प्यार बहा दे मैया..॥


कर कृपा जगदम्बे भवानी,

मैं बालक नादान हूँ ।

नहीं आराधन जप तप जानूं,

मैं अवगुण की खान हूँ ।

दे ऐसा वरदान हे मैया,

सुमिरन तेरा गाऊ मैं ॥

ऐसा प्यार बहा दे मैया..॥


मै बालक तू माया मेरी,

निष् दिन तेरी ओट है ।

तेरी कृपा से ही मिटेगी,

भीतर जो भी खोट है ।

शरण लगा लो मुझ को मईया,

तुझपे बलि बलि जाऊ मैं ॥


ऐसा प्यार बहा दे मैया,

चरणों से लग जाऊ मैं ।

सब अंधकार मिटा दे मैया,

दरस तेरा कर पाऊं मैं ॥

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