नवीनतम लेख

महाकाल नाम जपिये, झूठा झमेला (Mahakal Naam Japiye Jutha Jhamela)

महाकाल नाम जपिये,

झूठा झमेला झूठा झमेला,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


दोहा – तेरी मंजिल तो यही थी,

मगर जिंदगी गुजर गयी आते आते,

पर क्या पाया तूने इस ज़माने में,

तेरे अपनों ने ही आग लगा दी,

तुझे जाते जाते ॥


इस काया का है भाग भाग,

बिन पाया नही जाता,

कर्म बिना नसीब,

तोड़ फल खाया नही जाता,

महाकाल नाम जपिये,

झूठा झमेला झूठा झमेला,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला,

तू क्या लेके आया जगत में,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


इस जगत सराए में,

मुसाफिर रहना दो दिन का,

क्यों व्यर्था करे गुमान,

मुरख इस धन और दौलत का,

ना ही भरोसा रे पल का,

यूँ ही मर जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला,

तू क्या लेके आया जगत में,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


राम नाम के आलसी,

और भोजन के होशियार,

तुलसी ऐसे जिव को,

बार बार धिक्कार,

राम नाम जपले रे बंदी,

यही साथ जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला,

तू क्या लेके आया जगत में,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


दुःख में सुमिरन सब करे,

और सुख में करे ना कोय,

जो सुमिरन सुख में करे,

तो दुःख काहे का होय,

महाकाल नाम जपिए,

झूठा झमेला झूठा झमेला,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला,

तू क्या लेके आया जगत में,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


माया मरी ना मन मरा,

मर मर गया शरीर,

आशा तृष्णा ना मरी,

कह गए दास कबीर,

खाली हाथ आया रे बन्दे,

खाली हाथ जाएगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला,

तू क्या लेके आया जगत में,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा (Jaha Le Chaloge Vahi Me Chalunga)

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

राम लला जन्मे है, थाल बजाओ रे (Ram Lalla Jamne Hai Thal Bajao Re)

आज बड़ा ही शुभ दिन,
मंगलाचार सुनाओ रे,

मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत और पूजा विधि (Margashirsha Maas Ke Pramukh Vrat Aur Puja Vidhi)

मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का नौवां माह है, जो कि आश्विन मास के बाद आता है। इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की गणना 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक है।

यह भी जाने