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उज्जैनी में बाबा ने ऐसा, डमरू बजाया (Ujjaini Me Baba Ne Esa Damru Bajaya)

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया,

कितना प्यारा उज्जैनी,

यहां दरबार सजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


सुनाने को बाबा मैं,

ऐसा सुनाऊंगा,

भजनों से भोले मैं जो,

तुमको रिझाऊंगा,

डमरू की धुन में,

बाबा ऐसा नाद बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया।

उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


करूंगा मैं सेवा तेरी,

चरण पखारूंगा,

नैनो से भोले मैं हाँ,

तुमको निहारूंगा,

‘दीपक दास’ ने,

महाकाल तुम्हारा,

ही गुण गाया,

मैं सुध बुध भूल आया।

उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥


उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,

डमरू बजाया,

मैं सुध बुध भूल आया,

कितना प्यारा उज्जैनी,

यहां दरबार सजाया,

मैं सुध बुध भूल आया ॥

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..: भजन (Ajaa Nand Ke Dulare)

आजाआ... ओओओ...
आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..

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मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत विधि- विधान से करने पर भगवान गणेश, रिद्धि-सिद्धि और विद्या का वरदान देते हैं। विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश के 12 नामों का जाप करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।

जय हो शिव भोला भंडारी (Jai Ho Shiv Bhola Bhandari Lela Aprampar Tumhari Bhajan)

जय हो शिव भोला भंडारी,
लीला अपरंपार तुम्हारी,

मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो (Maiya Kripa Kar Do Jholi Meri Bhar Do)

मैया कृपा करदो,
झोली मेरी भरदो ।

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