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उज्जैन के महाराज हो, दीनो के दीनानाथ हो (Ujjain Ke Maharaj Ho Dino Ke Dinanath Ho)

उज्जैन के महाराज हो,

दीनो के दीनानाथ हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


दरबार में भोले के देखो,

झूम झुम जयकार लगे,

झूम झुम जयकार लगे,

भंग के रसिया भक्तो के संग,

झूम झूम इतराने लगे,

झूम झूम इतराने लगे,

हर हर का जब साथ हो,

बम बम का जयकार हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


मंदिर में महाकाल सजे,

और ढोल नगाड़ा डमरू बजे,

ढोल नगाड़ा डमरू बजे,

झांझ मजीरे शंख मृदंग,

ताशे संग घड़ियाल बजे,

ताशे संग घड़ियाल बजे,

तन पे भस्म भभूत हो,

संग में भंग का रंग हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


मेरे मन में है महाकाल,

मोह न माया और कोई जाल,

मोह न माया और कोई जाल,

जो कोई पूछे मेरा हाल,

मेरे मुख पर जय महाकाल,

मेरे मुख पर जय महाकाल,

बाबा मुझको तार दो,

सुन लो मेरी पुकार को,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


उज्जैन के महाराज हो,

दीनो के दीनानाथ हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥

वीर बली हनुमान, थारे ह्रदय सियाराम (Veer Bali Hanuman Thare Hirde Siyaram)

वीर बली हनुमान,
थारे ह्रदय सियाराम,

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

मैं हर दिन हर पल हर लम्हा, माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ (Main Har Din Har Pal Har Lamha Maa Jwala Ke Gun Gata Hu)

मैं हर दिन हर पल हर लम्हा,
माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ,

2025 की पहली मासिक दुर्गाष्टमी कब है

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन मां भगवती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

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