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अरज सुणो बनवारी (Araj Suno Banwari)

अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,

अरज सुणो बनवारी,

अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,

अरज सुनो गिरधारी ॥


श्वास श्वास मे थारे सुमीरु दाता,

भूलों मति बनवारी,

भुल गया तो रे,

लाज जावेगी,

हँसी होवेगी घणी थारी,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


माया नागणि कियो है कुन्डालो दाता,

ईण ते बेगी उबारो,

मोह माया ने रे,

जाल फसायो,

अब सुध लेवो बनवारी,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


मै मतिहीन हूँ कछु नही दाता,

आयो शरण तिहारि,

भवसागर में रे,

घणो दुख पायो,

अब की पार उतारो,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


आगे संत अनंत ऊबारया दाता,

अबकी बारी हमारी,

दास मलूक कहे रे,

भूली मति जाजौ,

म्हणे तो भरोसों बड़ो भारी,

सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी ॥


अरज सुणो बनवारी सांवरियां म्हारी,

अरज सुणो बनवारी,

अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,

अरज सुनो गिरधारी ॥

भोले की किरपा, जिस पर भी रहती है (Bhole Ki Kripa Jis Par Bhi Rahti Hai)

भोले की किरपा,
जिस पर भी रहती है,

वृश्चिक संक्रांति का मुहूर्त

भगवान सूर्य देव की उपासना का दिन वृश्चिक संक्रांति हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को धन वैभव की प्राप्ति के साथ दुःखों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है इस साल वृश्चिक संक्रांति कब हैं। वृश्चिक संक्रांति 2824 को लेकर थोड़ा असमंजस है।

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि , Mahishasuramardini Stotram - Aayi Girinandini

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।

गाइये गणपति जगवंदन (Gaiye Ganpati Jagvandan)

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शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

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