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फागण को महीनो, लिख दीन्यो बाबा जी के नाम (Fagan Ko Mahino Likh Dino Baba Ji Ke Naam)

फागण को महीनो,

लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,

कोई काम नहीं दूजो,

बस बोलां जय श्री श्याम ॥

खाटू की नगरिया,

सजगी निराली जी,

गलियां गलियां गूंजे,

म्हारे श्याम धणी रो नाम ॥


बेगा सा चालो,

श्याम धणी के द्वार,

बाबो बैठ्यो बैठ्यो,

जोवे टाबरिया री बाट ॥


ऐसो तो नज़ारो,

देख्यो सुन्यो ना कोई द्वार,

है स्वर्ग से भी सुन्दर,

म्हारे श्याम धणी रो धाम ॥


फागण को महीनो,

लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,

कोई काम नहीं दूजो,

बस बोलां जय श्री श्याम ॥


चलो राम के धाम अयोध्या राम बुलाते है (Chalo Ram Ke Dham Ayodhya, Ram Bulate Hain)

श्री राम के भक्त सुनो,
ले भगवा हाथ में निकलो तुम

रूक्मिणी-श्रीकृष्ण के विवाह से जुड़ी कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 22 दिसंबर को पड़ रही है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

शिव के रूप में आप विराजें, भोला शंकर नाथ जी (Shiv Ke Roop Mein Aap Viraje Bhola Shankar Nath Ji)

शिव के रूप में आप विराजे,
भोला शंकर नाथ जी ॥

राहो में फूल बिछाऊँगी(Raho Mein Phool Bichaungi)

राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,

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