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हे माँ मुझको ऐसा घर दे(He Maa Mujhko Aisa Ghar De)

हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो,

ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।

हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ।


इक कमरा जिसमे तुम्हारा आसन माता सजा रहे,

हर पल हर छिन भक्तो का वहां आना जान लगा रहे।

छोटे बड़े का माँ उस घर में एक सामान ही आदर हो,

ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो॥

॥ हे माँ मुझको ऐसा घर दे...॥


इस घर से कोई भी खाली कभी सवाली जाए ना,

चैन ना पाऊं तब तक दाती जब तक चैन वो पाए ना।

मुझको दो वरदान दया का, तुम तो दया का सागर हो,

ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो॥


हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो,

ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।

हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ।

तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है (Tum Utho Siya Singar Karo Shiv Dhanush Ram Ne Toda Hai)

तुम उठो सिया सिंगार करो,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

औघड़ दानी रहा अलख जगा (Oghad Dani Raha Alakh Jaga)

जग में हुआ उजाला,
नाची धरती झूमा अम्बर,

आज होगा हरि-हर मिलन (Aaj Hoga Hari-Har Milan)

उज्जैन में हर साल वैकुंठ चर्तुदशी पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिलता है जब भगवान शिव जिन्हें बाबा महाकाल के रूप में पूजा जाता है।

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माँ की लाल रे चुनरिया,
देखो लहर लहर लहराए,

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