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जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये (Jaipur Ki Chunariya Me Layi Sherawaliye)

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


आगरा से लहंगा,

जयपुर से चुनरिया,

दिल्ली के दरीबे से लाई,

सितारे शेरावालिये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


कलकत्ते से नथली लाइ,

झुमका लाई बरेली से,

और फिरोजाबाद से चूड़ी लाइ,

पहनो शेरावालीये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


कांगड़े से सिंदूर लाई,

कजरा लाई मेरठ का,

मालवा से मेंहदी लाई,

लगाओ शेरावालीये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


गुजराती करधन ले आई,

बिछिया बीकानेर से,

और पंजाबी पाजेब ले आई,

पहनो शेरावालिए,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


इलाहाबाद से अमरूद लाई,

पेड़े लाई मथुरा से,

और कंदारी अनार ले आई,

भोग लगाओ शेरावालिए,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।

घर घर बधाई बाजे रे देखो (Ghar Ghar Badhai Baje Re Dekho)

घर घर बधाई बाजे रे देखो,
घर घर बधाई बाजे रे,

मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी(Meri Maa Ambe Durga Bhawani)

मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी,
किस जगह तेरा जलवा नहीं है,

एकादशी व्रत का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। बता दें कि साल में कुल 24 एकदशी पड़ती हैं। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं।

झूला पड्यो है कदम्ब की डार (Jhula Padyo Hai Kadamb Ki Daar)

झूला पड्यो है कदम्ब की डार,
झुलावे ब्रज नारी,

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