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राम को देख कर के जनक नंदिनी (Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini)

राम को देख कर के जनक नंदिनी,

बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी।

राम देखे सिया को सिया राम को,

चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी॥


यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग,

ले धनुष दानवो को लगे काटने।

एक ही बाण में ताड़का राक्षसी,

गिर जमी पर पड़ी की पड़ी रह गयी॥


राम को मन के मंदिर में अस्थान दे

कर लगी सोचने मन में यह जानकी।

तोड़ पाएंगे कैसे यह धनुष कुंवर,

मन में चिंता बड़ी की बड़ी रह गयी॥


विश्व के सारे राजा जनकपुर में जब,

शिव धनुष तोड़ पाने में असफल हुए।

तब श्री राम ने तोडा को दंड को,

सब की आँखे बड़ी की बड़ी रह गयी॥


तीन दिन तक तपस्या की रघुवीर ने,

सिंधु जाने का रास्ता न उनको दिया।

ले धनुष राम जी ने की जब गर्जना,

उसकी लहरे रुकी की रह गयी॥


गणेश जी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में गणेश जी को सबसे पहले पूजने की परंपरा है। ऐसे में पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

सूरत बड़ी है प्यारी माँ की (Surat Badi Hain Pyari Maa Ki)

सूरत बड़ी है प्यारी माँ की,
मूरत की क्या बात है,

कनकधारा स्तोत्रम् (Kanakdhara Stotram)

अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥

साथी हारे का तू, मुझको भी श्याम जीता दे(Sathi Hare Ka Tu Mujhko Bhi Shyam Jeeta De)

साथी हारे का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे,