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चले है भोला, सज धज के - भजन (Chale Hai Bhola Saj Dhaj Ke)

भोला तन पे भस्म लगाये,

मन में गौरा को बसाये,

चले है भोला,

सज धज के,

संखिया मंगल गाती हैं,

भूत प्रेत बाराती हैं ॥


भूत और प्रेत सब,

झूम झूम जाते हैं,

लूले और लँगड़े भी,

डिस्को दिखाते हैं,

भोला मन ही मन मुस्काये,

रूप अजब गजब हैं बनाये,

चले हैं भोला,

सज धज के ॥


पहुँची बारात,

सब मंगल गाते हैं,

देख देख शिव को,

सभी डर जाते हैं,

माता मैना रही घबराये,

शिव ऐसा रूप बनाये,

चले हैं भोला,

सज धज के ॥


मन में ये सोचें शिव,

सब डर जाते हैं,

विवाह कैसे होगा,

कोई पास न आते हैं,

तब सुंदर रूप बनाये,

चन्द्रशेखर नाम कहाये,

चले हैं भोला,

सज धज के ॥


गौरा के संग में,

ब्याह रचाते हैं,

लेके भवानी को,

कैलाश जाते हैं,

‘सूरज सोनी’ हरसाये,

ध्यान शिवजी के चरणों मे लगाए,

चले हैं भोला,

सज धज के ॥


भोला तन पे भस्म लगाये,

मन में गौरा को बसाये,

चले है भोला,

सज धज के,

संखिया मंगल गाती हैं,

भूत प्रेत बाराती हैं ॥


मेरी मैया ने ओढ़ी लाल चुनरी (Meri Maiya Ne Odhi Laal Chunari)

मेरी मैया ने ओढ़ी लाल चुनरी,
हीरो मोती जड़ी गोटेदार चुनरी,

भीष्म अष्टमी पर करें गंगा स्नान

भीष्म अष्टमी सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके वंश में संतान नहीं होती। यह पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

सुनले ओ मेरी मैया, मुझे तेरा ही सहारा (Sunle O Meri Maiya Mujhe Tera Hi Sahara)

सुनले ओ मेरी मैया,
मुझे तेरा ही सहारा,

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