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यदि नाथ का नाम दयानिधि है (Yadi Nath Ka Naam Dayanidhi Hai)

यदि नाथ का नाम दयानिधि है,

तो दया भी करेंगे कभी ना कभी,

दुखहारी हरी, दुखिया जन के,

दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी ॥


जिस अंग की शोभा सुहावनी है,

जिस श्यामल रंग में मोहनी है,

उस रूप सुधा से स्नेहियों के,

दृग प्याले भरेगें कभी ना कभी ॥


जहां गिद्ध निषाद का आदर है,

जहाँ व्याध अजामिल का घर है,

वही भेष बनाके उसी घर में,

हम जा ठहरेगें कभी ना कभी ॥


करुणानिधि नाम सुनाया जिन्हें,

कर्णामृत पान कराया जिन्हें,

सरकार अदालत में ये गवाह,

सभी गुजरेगें कभी ना कभी ॥


हम द्वार में आपके आके पड़े,

मुद्दत से इसी है जिद पर अड़े,

भव-सिंधु तरे जो बड़े से बड़े,

तो ये ‘बिन्दु’ तरेगें कभी ना कभी ॥


यदि नाथ का नाम दयानिधि है,

तो दया भी करेंगे कभी ना कभी,

दुखहारी हरी, दुखिया जन के,

दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी ॥

दे दे थोड़ा प्यार मैया, तेरा क्या घट जायेगा(De De Thoda Pyar Maiya Tera Kya Ghat Jayega)

दे दे थोड़ा प्यार मैया,
तेरा क्या घट जायेगा,

मेरी शेरावाली मां, बदलती तकदीरे (Meri Sherawali Maa Badalti Takdire)

कभी जल्दी जल्दी,
कभी धीरे धीरे,

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ (Hey Jyoti Roop Jwala Maa)

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।

ऋषि पंचमी का व्रत रखने से महिलाओं को मिलती है रजस्वला दोष से मुक्ति, पहली बार व्रत रखने पर ध्यान रखें ये नियम

हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।

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