नवीनतम लेख

सियारानी का अचल सुहाग रहे - भजन (Bhajan: Siyarani Ka Achal Suhag Rahe)

मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।

ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥


सियारानी का अचल सुहाग रहे ।

मैया रानी का अचल सुहाग रहे ।

राजा राम जी के सिर पर ताज रहे ॥


जब तक पृथ्वी अहिषीश रहे ।

नभ में शशि सूर्य प्रकाश रहे ।

गंगा जमुना की धार रहे ।

तब तक यह बानक बना रहे ॥

॥ सियारानी का अचल सुहाग रहे...॥


ये बना रहें वे बनीं रहें ।

नित बना बनीं में बनीं रहें ॥

अविचल श्री अवध का राज रहे ।

अविरल श्री सरयू की धार बहे ।

॥ सियारानी का अचल सुहाग रहे...॥


प्रेमीजन का बरभाग रहे ।

चरणों में नित अनुराग रहे ॥

ये सुहाग रहे सिरताज रहे ।

नित नित यह बानक बना रहे ॥

॥ सियारानी का अचल सुहाग रहे...॥


सियारानी का अचल सुहाग रहे ।

मैया रानी का अचल सुहाग रहे ।

राजा राम जी के सिर पर ताज रहे ॥


श्री राम तेरी महिमा से - भजन (Shri Ram Teri Mahima Se)

श्री राम तेरी महिमा से,
काम हो गया है,

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे (Bajrang Ke Aate 2 Kahin Bhor Ho Na Jaye Re)

बजरंग के आते आते,
कही भोर हो न जाये रे,

मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।

तोरा मन दर्पण कहलाए - भजन (Tora Man Darpan Kahlaye)

तोरा मन दर्पण कहलाए,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,