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सुन मेरी मात मेरी बात (Sun Meri Maat Meri Baat)

सुन मेरी मात मेरी बात,

छानी कोणी तेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


झुँझन वाली मैया तेरी,

शरण में आ गयो,

दादी थारो रूप म्हारे,

नैणां में समां गयो,

मत बिसरावे मैया,

हार मानी तेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


बालक हूँ मैं दादी थारो,

मुझसे निभाय ले,

दुखड़े को मारयो हूँ,

मन्ने कालजे लगायले,

पथ दिखलादे मैया,

काढ़ ले अँधेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


सिर पर सोहे चुनड़ी,

कानो में कुण्डल भारी है,

हाथां मेहंदी लाल थारी,

सिंह की सवारी है,

खाली हाथ बोल कईया,

जाऊ तेरे डेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


सुन मेरी मात मेरी बात,

छानी कोणी तेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा (Aa Maan Aa Tujhe Dil Ne Pukaara)

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥

कला साधना पूजा विधि

कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।

कीर्तन है वीर बजरंग का(Kirtan Hai Veer Bajrang Ka)

कीर्तन है वीर बजरंग का,
नच नच कर इनको मना,

तुम रूठे रहो मोहन (Tum Ruthe Raho Mohan)

तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,