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जग में सुन्दर है दो नाम(Jag Main Sundar Hain Do Naam)

जग में सुन्दर हैं दो नाम,

चाहे कृष्ण कहो या राम ।

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


माखन ब्रज में एक चुरावे,

एक बेर भिलनी के खावे ।

प्रेम भाव से भरे अनोखे,

दोनों के हैं काम ॥

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


जग में सुन्दर हैं दो नाम,

चाहे कृष्ण कहो या राम ।

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


एक ह्रदय में प्रेम बढ़ावे,

एक ताप संताप मिटावे ।

दोनों सुख के सागर हैं,

और दोनों पूरण काम ॥

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


जग में सुन्दर हैं दो नाम,

चाहे कृष्ण कहो या राम ।

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


एक कंस पापी को मारे,

एक दुष्ट रावण संहारे ।

दोनों दीन के दुःख हरत हैं,

दोनों बल के धाम ॥

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


जग में सुन्दर हैं दो नाम,

चाहे कृष्ण कहो या राम ।

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


एक राधिका के संग राजे,

एक जानकी संग बिराजे ।

चाहे सीता-राम कहो,

या बोलो राधे-श्याम ॥

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥


जग में सुन्दर हैं दो नाम,

चाहे कृष्ण कहो या राम ।

बोलो राम राम राम,

बोलो श्याम श्याम श्याम ॥

मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया
हारे के साथी कहाते हो श्याम

चंद्रदेव को प्रसन्न करने के उपाय

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ख़ासकर, पौष मास की अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है। इस दिन भगवान सूर्य, चंद्रदेव और श्रीहरि की विधिवत पूजा के साथ पिंडदान और तर्पण का विधान है।

वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी नामक एकादशी (Vaishaakh Shukl Paksh Kee Mohinee Naamak Ekaadashee)

भगवान् कृष्ण के मुखरबिन्द से इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन महाराज युधिष्ठिर ने उनसे कहा - हे भगवन् ! आपकी अमृतमय वाणी से इस कथा को सुना परन्तु हृदय की जिज्ञासा नष्ट होने के बजाय और भी प्रबल हो गई है।

आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi door us aakash ke gaharaiyon mein)

दूर उस आकाश की गहराइयों में,
एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

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