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उज्जैन में विराजे, महाकाल प्यारे प्यारे (Ujjain Mein Viraje Mahakal Pyaare Pyaare)

उज्जैन में विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे,

महाकाल प्यारे प्यारे,

महाकाल डमरू वाले,

क्ष्रिप्रा तट विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे,

उज्जैन मे विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे ॥


महाकाल की महफ़िल सजी है,

डमरू वाले की महफ़िल सजी है,

महाकाल की महफ़िल सजी है,

उज्जैन मे विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे ॥


शिव की रहमत का झूमर सजा है,

हमको महसूस ये हो रहा है,

शिव की रहमत का झूमर सजा है,

उज्जैन मे विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे ॥


तुम तो कालों के काल हो बाबा,

तेरे नाम से मिट जाए बाधा,

तुम तो कालों के काल हो बाबा,

उज्जैन मे विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे ॥


उज्जैन में विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे,

महाकाल प्यारे प्यारे,

महाकाल डमरू वाले,

क्ष्रिप्रा तट विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे,

उज्जैन मे विराजे,

महाकाल प्यारे प्यारे ॥

स्कन्द षष्ठी व्रत की पूजा विधि

भगवान कार्तिकेय को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, स्कंद और मुरुगन जैसे नामों से जाना जाता है। वे शक्ति और विजय के देवता हैं। उनकी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥

गणेश जी की आरती व मंत्र

प्रत्येक महीने दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मार्गशीर्ष महीने में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा पाने का उत्तम समय है।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

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