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जिसको राम नाम रटना पसन्द है (Jisko Ram Naam Ratna Pasand Hai)

जिसको राम नाम रटना पसन्द है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥


सिर्फ नाम देगा सहारा,

झूठी दुनिया से करले किनारा,

राम जी की रजा में जो रजामंद है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।

जिसकों राम नाम रटना पसन्द है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥


मन के मंदिर में राम को बसा लो,

अपनी मुक्ति का रास्ता बना लो,

जिसके कट जाते चोरासी फंद है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।

जिसकों राम नाम रटना पसन्द है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥


स्वर्ग जाने की इच्छा ना होती,

मुक्ति पाने की इच्छा ना होती,

भाव भक्ति से मिलता परमानन्द है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।

जिसकों राम नाम रटना पसन्द है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥


जिसको राम नाम रटना पसन्द है,

उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥

जय जय गणराज मनाऊँ (Jai Jai Ganraj Manaun )

जय जय गणराज मनाऊँ,
चरणों में शीश नवाऊं,

विष्णुशयनी एकादशी एवं चातुर्मास व्रत (Vishnushayanee Ekaadashee Evan Chaaturmaas Vrat)

इस एकादशी का नाम विष्णुशयनी भी है। इसी दिन विष्णुजी का व्रत एवं चातुर्मास्य व्रत प्रारम्भ करना विष्णु पुराण से प्रकट होता है।

सूर्य प्रार्थना

प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

क्यों मनाई जाती है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, जानें इस दिन का महत्व

हर महीने की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है, लेकिन मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी तिथि को विशेष रूप से गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है।