नवीनतम लेख

पहिले पहिल हम कईनी

पहिले पहिल हम कईनी,

छठी मईया व्रत तोहर,

छठी मईया व्रत तोहर।।

करिहा क्षमा छठी मईया,

भूल-चूक गलती हमार,

भूल-चूक गलती हमार।।

गोदी के बलकवा के दिहा,

छठी मईया ममता-दुलार,

छठी मईया ममता-दुलार।।

पिया के सनईहा बनईहा,

मैया दिहा सुख सार,

मैया दिहा सुख सार।।

नारियल केरवा घवदवा,

साजल नदिया किनार,

साजल नदिया किनार।।

सुनिहा अरज छठी मैया,

बढ़े कुल परिवार,

बढ़े कुल परिवार।।

घाट सजवली मनोहर,

मैया तोरा भगती अपार,

मैया तोरा भगती अपार।।

लिहि ए अरग हे मैया,

दिहीं आशीष हजार,

दिहीं आशीष हजार।।

पहिले पहिल हम कईनी,

छठीमैया बरत तोहर,

छठीमैया व्रत तोहर।।

करिहा क्षमा छठी मईया

भूल-चूक गलती हमार

भूल-चूक गलती हमार

भूल-चूक गलती हमार







बरसाने की लट्ठमार होली

बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे।

जिसने राग-द्वेष कामादिक(Meri Bawana - Jisne Raag Dwesh Jain Path)

जिसने राग-द्वेष कामादिक,
जीते सब जग जान लिया

निशदिन तेरी पावन (Nis Din Teri Pawan Jyot Jagaaon)

निशदिन तेरी पावन,
ज्योत जगाऊँ मैं,

नंगे नंगे पाँव चल आ गया री(Nange Nange Paon Chal Aagaya Ri)

नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,
इक तेरा पुजारी ॥

यह भी जाने