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अपने प्रेमी को मेरे बाबा, इतना भी मजबूर ना कर (Apne Premi Ko Mere Baba Itna Bhi Majboor Na Kar)

अपने प्रेमी को मेरे बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर,

तेरे होते जगवालो के,

आगे झुक जाए ना सर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


चौखट पे जिस दिन से कन्हैया,

सिर ये आके झुका दिया,

स्वाभिमान से जीना जग में,

तुमने हमको सीखा दिया,

जहां विश्वास के दीप जगाए,

वहां निराशा क्यू करे असर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


श्याम श्याम जो कहकर तुमसे,

रात दिन ही आस करें,

जग वालों को कहते फिरते,

श्याम कभी ना निराश करे,

फूल खिले जहां श्याम नाम से,

वो गुलशन ना जाए बिखर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


दानी होकर कैसे कन्हैया,

देना सहारा भूल रहे,

जिसका सब कुछ तुम हो कन्हैया,

वो क्यू फिर मजबूर रहे,

‘दीपक’ अर्जी तुमसे बाबा,

सुध ले लो तुम अब आकर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥


अपने प्रेमी को मेरे बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर,

तेरे होते जगवालो के,

आगे झुक जाए ना सर,

अपने प्रेमी को मेरें बाबा,

इतना भी मजबूर ना कर ॥

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

राम नाम के दीवाने, पूजे जिनको दुनिया माने(Ram Naam Ke Deewane Puje Jinko Duniya Mane)

राम नाम के दीवाने,
पूजे जिनको दुनिया माने,

नन्द बाबा के अंगना देखो बज रही आज बधाई(Nand Baba Ke Angana Dekho Baj Rahi Aaj Badhai)

नन्द बाबा के अंगना देखो,
बज रही आज बधाई,

म्हारी झुँझन वाली माँ, पधारो कीर्तन में(Mhari Jhunjhan Wali Maa Padharo Kirtan Me)

म्हारी झुँझन वाली माँ,
पधारो कीर्तन में,

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