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तेरे नाम का दीवाना, तेरे द्वार पे आ गया है: भजन (Tere Naam Ka Diwana Tere Dwar Pe Aa Gaya Hai)

तेरे नाम का दीवाना,

तेरे द्वार पे आ गया है,

जग से हार करके,

तेरे पास आ गया है,

तेरे नाम का दिवाना,

तेरे द्वार पे आ गया है ॥


हारे का है सहारा है तू,

बिगड़ी बनाने वाला है तू,

मेरा दिल तड़प तड़प कर,

तुझको पुकारता है,

तेरे नाम का दिवाना,

तेरे द्वार पे आ गया है ॥


नैया मेरी मजधार पड़ी,

भव से करो पार श्याम धणी,

तू बन जा मेरा खिवैया,

ये गरीब चाहता है,

तेरे नाम का दिवाना,

तेरे द्वार पे आ गया है ॥


श्याम सुन्दर मेरे खाटू नरेश,

हर लो मेरे अब सारे कलेश,

खाटू धाम तेरा निराला,

मेरे मन को मोहता है,

तेरे नाम का दिवाना,

तेरे द्वार पे आ गया है ॥


तेरे नाम का दीवाना,

तेरे द्वार पे आ गया है,

जग से हार करके,

तेरे पास आ गया है,

तेरे नाम का दिवाना,

तेरे द्वार पे आ गया है ॥

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा नामक एकादशी (Jyesth Mas Ke Krishna Paksh Ki Apara Namak Ekaadshi)

इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।

गौरी सूत शंकर लाल (Gauri Sut Shankar Lal)

गौरी सूत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो,

अब ना बानी तो फिर ना बनेगी (Ab Naa Banegi Too Phir Na Banegi)

अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता

औघड़ दानी रहा अलख जगा (Oghad Dani Raha Alakh Jaga)

जग में हुआ उजाला,
नाची धरती झूमा अम्बर,