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शंकर चौड़ा रे (Shankar Chaura Re)

शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे


(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे)


शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)


माथे उनके बिंदिया सोहे, टिकली की बलिहारी राम।

(माथे उनके बिंदिया सोहे, टिकली की बलिहारी राम।)


माथे उनके बिंदिया सोहे, टिकली की बलिहारी राम।

(माथे उनके बिंदिया सोहे, टिकली की बलिहारी राम।)


सिंदूर लगा रही रे, मांग में सिंदूर लगा रही रे।

सिंगार माई कर रही सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)


कान में उनके कुंडल सोहे, नथनी की बलिहारी राम।

(कान में उनके कुंडल सोहे, नथनी की बलिहारी राम।)

कान में उनके कुंडल सोहे, नथनी की बलिहारी राम।

(कान में उनके कुंडल सोहे, नथनी की बलिहारी राम।)


हरवा पहन रही रे।

गले में हरवा पहन रही रे।

सिंगार माई कर रही सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)


हाथों उनके कंगना सोहे, चूड़ी की बलिहारी राम।

(हाथों उनके कंगना सोहे, चूड़ी की बलिहारी राम।)

हाथों उनके कंगना सोहे, चूड़ी की बलिहारी राम।

(हाथों उनके कंगना सोहे, चूड़ी की बलिहारी राम।)


मुंदरी पहन रही रे।

हाथ में मुंदरी पहन रही रे।

सिंगार माई कर रही सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)


कमर उनके करधन सोहे, झूलों की बलिहारी राम।

(कमर उनके करधन सोहे, झूलों की बलिहारी राम।)

कमर उनके करधन सोहे, झूलों की बलिहारी राम।

(कमर उनके करधन सोहे, झूलों की बलिहारी राम।)


कुछ न पहन रही रे।

कमर में कुछ न पहन रही रे।

सिंगार माई कर रही सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)


पांव में उनके पायल सोहे, बिछिया की बलिहारी राम।

(पांव में उनके पायल सोहे, बिछिया की बलिहारी राम।)

पांव में उनके पायल सोहे, बिछिया की बलिहारी राम।

(पांव में उनके पायल सोहे, बिछिया की बलिहारी राम।)


महावर लगा रही रे।

पांव में महावर लगा रही रे।

सिंगार माई कर रही सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)


अंग में उनके चोला सोहे, घघरा की बलिहारी राम।

(अंग में उनके चोला सोहे, घघरा की बलिहारी राम।)

अंग में उनके चोला सोहे, घघरा की बलिहारी राम।

(अंग में उनके चोला सोहे, घघरा की बलिहारी राम।)


चुनरी ओढ़ रही रे।

लाल रंग चुनरी ओढ़ रही रे।

सिंगार माई कर रही सोलह रे।


(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)

शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)

शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।

(शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)

महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।

(महामाई कर रही सोलह रे।

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।

(सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।

(सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)

सिंगार माई कर रही, सोलह रे।

(सिंगार माई कर रही, सोलह रे।)


श्री महालक्ष्मी व्रत कथा

(यह व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को आरम्भ करके आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को समापन किया जाता है।)

Shri Baglamukhi Chalisa (श्री बगलामुखी चालीसा)

नमो महाविद्या बरदा , बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल।।

प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला (Prabhu Mere Mann Ko Banado Shivalay)

प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,
तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।

बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)

बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,

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