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जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं(Jab Jab Hum Dadiji Ka Mangalpath Karte Hai)

जब जब हम दादी का,

मंगल पाठ करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


जो मंगल पाठ कराते हैं,

उनके रहते हरदम ठाठ,

जहां ये पाठ होता है,

वहां हो खुशियों की बरसात,

जब जब हम दादी की,

जयकार करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


कोई चुडला लाता है,

कोई मेहंदी लाता है,

कोई चूनडि लाता है,

कोई गजरा लाता है,

जब जब हम दादीँ का,

सिणगार करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


बधाई सबको मिलती है,

खजाना सब कोई पाते हैं,

दादी जी का कैलाशी,

मिलकर लाड लडाते हैं,

जब जब हम दादीँ की,

मनुहार करते है,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


जब जब हम दादी का,

मंगल पाठ करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥

मन भजले पवनसुत नाम, प्रभु श्री राम जी आएंगे(Man Bhaj Le Pawansut Naam Prabhu Shri Ram Ji Aayenge)

मन भजले पवनसुत नाम,
प्रभु श्री राम जी आएंगे,

अन्नपूर्णा जयंती कब है

माता अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न और धन की देवी के रूप में स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा के कृपा से ही पृथ्वी लोक के सभी जीवों को खाने के लिए भोजन या अन्न प्राप्त होता है।

जय महांकाल जय महांकाल (Jai Mahakal Jai Mahakal)

जय महाकाल जय महाकाल,
जय महांकाल जय महांकाल,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

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