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माई सबके बाल गोपाल, सदा खुशहाल रहे (Mai Sabke Bal Gopal Sada Khushal Rahe)

माई सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे,

खुशहाल रहे मालामाल रहे,

माईं सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे ॥


हंसते रहे नैनो के तारे,

हंसते रहे नैनो के तारे,

पलना में खेले लाल,

सदा खुशहाल रहे,

माईं सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे ॥


बहन लगाये दूज का टीका,

बहन लगाये दूज का टीका,

राखी बांधे हर साल,

सदा खुशहाल रहे,

माईं सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे ॥


रहे अमर गोदी के खिलौना,

रहे अमर गोदी के खिलौना,

पास ना आवे काल,

सदा खुशहाल रहे,

माईं सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे ॥


जुड़े लक्ष्मी इनके अंगना,

जुड़े लक्ष्मी इनके अंगना,

सदा रहे माला माल,

सदा खुशहाल रहे,

माईं सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे ॥


माई सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे,

खुशहाल रहे मालामाल रहे,

माईं सबके बाल गोपाल,

सदा खुशहाल रहे ॥

मैं कितना अधम हूँ, ये तुम ही जानो (Main Kitna Adham Hu Ye Tum Hi Jano)

मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,

जयति तेऽधिकं जन्मना (Jayati Te Dhikam Janmana)

जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः
श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि ।

होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है

हर घर में होली के मौके पर गुजिया बनाई और खाई जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि होली पर गुजिया बनाने की परंपरा क्यों है? इसके पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा और ऐतिहासिक महत्व छिपा हुआ है। तो आइए जानते हैं कि होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है और इसके पीछे की कहानियां क्या हैं।

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी (Banke Bihari Krishan Murari)

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,
दर्शन दीजो शरण में लीजो,

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