Papmochani Ekadashi Vrat: पापमोचनी एकादशी पर भूल कर भी न करें ये कार्य, जानें इस व्रत के यम-नियम
पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है। लेकिन अगर व्रत के दौरान कुछ नियमों का पालन न किया जाए या अनजाने में कुछ गलतियां हो जाएं, तो व्रत का फल पूरा नहीं मिलता है। इसलिए यह आवश्यक है कि व्रत करने वाला को इन नियमों का विशेष रूप से पालन करना चाहिए।
पापमोचनी एकादशी पर न करें ये कार्य
- पापमोचनी एकादशी व्रत पर अपने खान-पान का ज्यादा ध्यान रखें, तामसिक भोजन जैसा मांस, मछली और अंडे ना खाए। उस दिन प्याज और लहसुन का भी सेवन न करें, साथ ही खास तौर से चावल का सेवन भूल कर भी ना करें क्योंकि एकादशी के दिन सभी पाप चावल में ही आकार निवास करते है।
- पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन भूल कर भी बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए, और ना ही दाढ़ी बनवाना चाहिए। इस दिन ये काम करना विशेष तौर पर मना रहता है।
- इस दिन मां तुलसी की पूजा करें, लेकिन उन्हें जल न अर्पित करें। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु अपनी अर्धांगिनी मां तुलसी से मिलने आते हैं इसीलिए इस दिन मां तुलसी को स्पर्श नहीं करनी चाहिए।
- पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन सुबह में देर तक ना सोएं, इससे आपको विशेष कृपा नहीं मिलती।
- दूसरों का दिया हुआ भोजन न खाएं, क्योंकि इससे आपका व्रत टूट सकता है।
पापमोचनी एकादशी व्रत नियम
- पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन शराब, सिगरेट और तंबाकू जैसे किसी भी प्रकार के नशे से दूरी बनाई रखनी चाहिए।
- इसके साथ ही, शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखना भी आवश्यक होता है।
- इस दिन, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करना महत्वपूर्ण माना जाता है।
- घर में घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- तुलसी के पौधे में कलावा बांधकर प्रार्थना करें।
- दान-पुण्य का कार्य अवश्य करें, विशेष रूप से मिट्टी के घड़े में जल भरकर दान करना अत्यंत फलदायक और शुभ माना जाता है।