नवीनतम लेख

चल रे कावडिया शिव के धाम: भजन (Chal Re Kanwariya Shiv Ke Dham)

चाहे छाए हो बादल काले,

चाहे पाँव में पड़ जाय छाले,

चल रे कावड़िया शिव के धाम,

चाहे आग गगन से बरसे,

चाहे पानी को मन तरसे,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

बोल बम बोल बम बोल बम बोल,

तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥


कावड़ कान्धे धर के बना तू,

शिव नाम को जोगी,

मन में रख भरोसा तुझ पे,

शिव की करुणा होगी,

शिव की करुणा होगी,

कावड़ साधना है न्यारी,

कावड़ शिव को बहुत प्यारी,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

बोल बम बोल बम बोल बम बोल,

तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥


कावड़ के इस तप से तूने,

ऐसा पारस होना,

मिट्टी को तेरा हाथ लगे तो,

वो भी बन जाये सोना,

वो भी बन जाये सोना,

आगे बढ़ता जा तु प्यारे,

बाबा तेरी बाट निहारे,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

बोल बम बोल बम बोल बम बोल,

तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥


गंगा जी का पावन जल जो,

शिव को अर्पण करता,

अश्वमेध के यज्ञ बराबर,

उसको फल है मिलता,

उसको फल है मिलता,

शिव है तीन लोक का दाता,

शिव है सिरजनहार विधाता,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

बोल बम बोल बम बोल बम बोल,

तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥


चाहे छाय हो बादल काले,

चाहे पाँव में पड़ जाय छाले,

चल रे कावड़िया शिव के धाम,

चाहे आग गगन से बरसे,

चाहे पानी को मन तरसे,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

चल रे कावडिया शिव के धाम,

बोल बम बोल बम बोल बम बोल,

तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,
प्रभु का नियम बदलते देखा ।

शीतला अष्टमी व्रत कथा

शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और नियमों का पालन करने का दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है, क्योंकि माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।

श्री कुवेर चालीसा (Shree Kuveer Chalisa)

जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥

मैया मैं तेरी पतंग (Maiya Main Teri Patang)

मैया मैं तेरी पतंग,
हवा विच उडदी जावांगी,

यह भी जाने