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जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई, बधाई दे दे री मैया (Janme Janme Krishna Kanhai Badhai De De Ri Maiya)

जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया,

दे दे री मैया,

बधाई दे दे री मैया,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


ब्रम्हा आए विष्णु आए,

आए श्री महेश,

रिद्धि सिद्धि लेकर आए,

आए श्री गणेश,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


लक्ष्मी आई शारदा आई,

आई गौरा मैया,

तेरे लला की नज़र की उतारे,

ले रही मात बलैया,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


सारे नगर में धूम मची है,

बजे ढोल शहनाई,

नन्द बाबा गोकुल घर घर में,

बांटे आज मिठाई,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


पाप मिटाने इस धरती पर,

तारणहार है आए,

लिखता है ‘लोकेश प्रजापति’,

‘भावना’ भाव से गाए,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥


जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया,

दे दे री मैया,

बधाई दे दे री मैया,

जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,

बधाई दे दे री मैया ॥

पापमोचनी एकादशी पर तुलसी पूजन कैसे करें

पापमोचनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह उपवास सभी पापों से छुटकारा पाने और मोक्ष प्राप्त करने के लिये रखा जाता है।

कला साधना पूजा विधि

कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।

श्री पितर चालीसा (Shri Pitar Chalisa)

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प्रभु हम पे कृपा करना, प्रभु हम पे दया करना (Prabhu Humpe Daya Karna)

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प्रभु हम पे दया करना ।

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