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आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है (Aaj To Guruwar hai, Sadguru Ka War Hai)

आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है।

गुरुभक्ति का पी लो प्याला, पल में बेड़ा पार है ॥ 1 ॥


गुरुचरणों का ध्यान लगाओ, निर्मल मन हो जायेगा।

तन मन धन गुरु चरण चढ़ाकर, विनती बारंबार है ॥ 2 ॥


प्रभु को भूल गये औ प्यारे ! माया में लिपटाए हो।

पूर्व पुण्य से नर तन पाया, मिले न बारंबार है ॥ 3 ॥


गुरुभक्ति से प्रभु मिलेंगे, बिन गुरु गोता खायेगा।

भवसागर में डूबी नैया, सदगुरु तारणहार हैं ॥ 4 ॥


गुरु हमारे ज्ञान के दाता, भक्तों का कल्याण करो।

निर्मोही बलिहार है, अर्जी बारंबार है ॥ 5 ॥


12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व जानिए

शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, एक समय भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच यह विवाद छिड़ गया कि उनमें से श्रेष्ठ कौन है। इस विवाद को शांत करने के लिए भगवान शिव ने एक अनंत प्रकाश स्तंभ ज्योति का रूप धारण किया।

शनिवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन विशेष रूप से भगवान शनिदेव से जुड़ा हुआ होता है। इसे "शनिवार व्रत" या "शनि व्रत" के रूप में मनाया जाता है।

चाहे राम भजो चाहे श्याम (Chahe Ram Bhajo Chahe Shyam)

चाहे राम भजो चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है,

दीवाली कलश पूजा (Diwali Kalash Puja)

सबसे पहले कलश पर मौली बांधकर ऊपर आम का एक पल्लव रखें। कलश में सुपारी, दूर्वा, अक्षत, सिक्का रखें।