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सामने आओगे या आज भी (Samne Aaoge Ya Aaj Bhi)

सामने आओगे या आज भी परदा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा तो कैसा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा, तो कैसा होगा,

सामने आओगे या आज भी परदा होगा ॥


मौत आती है तो आ जाये कोई गम ही नहीं,

मौत आती है तो आ जाये, कोई गम ही नहीं,

वो भी तो आएगा, जो मेरा मसीहा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,

मैंने मोहन को बुलाया, है वो आता होगा,

वो आता होगा, २

वो आता होगा, २

मैंने, मोहन, को, बुलाया है, वो आता होगा,

मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,

तुम भी आना, मेरे घर आज तमाशा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


हम गुनाहगारो ने सोचा ही नही था प्यारे,

हम गुनाहगारो ने, सोचा ही नही था प्यारे,

जिक्र मोहन की गली में, भी हमारा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


सामने आओगे या आज भी परदा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा तो कैसा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा, तो कैसा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥

जिसने दी है मुझे पहचान, वो अंजनी का लाला है (Jisne Di Hai Mujhe Pahchan Vo Anjani Ka Lala Hai)

जिसने दी है मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है,

हरिद्वार जाउंगी, सखी ना लौट के आऊँगी(Haridwar Jaungi Sakhi Na Laut Ke Aaungi)

सखी हरिद्वार जाउंगी,
हरिद्वार जाउंगी,

मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनती है

मकर संक्रांति का त्योहार आगामी 14 जनवरी को है। देश के कई हिस्सों में इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। खिचड़ी के चावल से चंद्रमा और शुक्र की शांति संबंधित है।

दे दे थोड़ा प्यार मैया, तेरा क्या घट जायेगा(De De Thoda Pyar Maiya Tera Kya Ghat Jayega)

दे दे थोड़ा प्यार मैया,
तेरा क्या घट जायेगा,

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