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प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला (Prabhu Mere Mann Ko Banado Shivalay)

प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,

तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।

अब तो मनोकामना है यह मेरी,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥

॥ प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला...॥


कहीं और क्यूँ ढूँढने तुझ को जाऊं,

प्रभु मन के भीतर ही मैं तुझ को पाऊं ।

यह मन का शिवाला हो सब से निराला,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥

॥ प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला...॥


भक्ति पे है अपनी विशवास मुझ को,

बनाएगा चरणों का तू दास मुझ को ।

मैं तुझ से जुदा अब नहीं रहने वाला,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥

॥ प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला...॥


तू दर्पण सा उजला मेरे मन को करदे,

तू अपना उजाला मेरे मन में भरदे ।

हैं चारो दिशाओं में तेरा उजाला,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥


प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,

तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।

अब तो मनोकामना है यह मेरी,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥


भगवान राम और माता शबरी के बीच का संवाद

जब बरसों के इंतजार के बाद श्रीराम शबरी की कुटिया में पहुंचे, तो उनके बीच एक अनोखा संवाद हुआ।

जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला (Jari Ki Pagri Bandhe Sundar Ankhon Wala)

जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,

अब मैं सरण तिहारी जी (Ab Main Saran Tihari Ji)

अब मैं सरण तिहारी जी,
मोहि राखौ कृपा निधान ॥

अनंग त्रयोदशी जोड़ों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

अनंग त्रयोदशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। 2024 में यह व्रत 13 दिसंबर को पड़ेगा। इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा, जो मार्गशीर्ष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है।

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