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प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला (Prabhu Mere Mann Ko Banado Shivalay)

प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,

तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।

अब तो मनोकामना है यह मेरी,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥

॥ प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला...॥


कहीं और क्यूँ ढूँढने तुझ को जाऊं,

प्रभु मन के भीतर ही मैं तुझ को पाऊं ।

यह मन का शिवाला हो सब से निराला,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥

॥ प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला...॥


भक्ति पे है अपनी विशवास मुझ को,

बनाएगा चरणों का तू दास मुझ को ।

मैं तुझ से जुदा अब नहीं रहने वाला,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥

॥ प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला...॥


तू दर्पण सा उजला मेरे मन को करदे,

तू अपना उजाला मेरे मन में भरदे ।

हैं चारो दिशाओं में तेरा उजाला,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥


प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,

तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।

अब तो मनोकामना है यह मेरी,

जिधर देखूं आए नजर डमरू वाला ॥


ऐ मालिक तेरे बंदे हम (Aye Malik Tere Bande Hum)

ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम

अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै (Domin Beti Soop Nene Thadh Chhe)

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव,

गुरु पूर्णिमा की रोचक कथा

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि आती है, और इस दिन व्रत का विधान होता है। हालांकि, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

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