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बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)

बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥


झूठी दुनिया, झूठे बंधन,

झूठी है ये माया,

झूठा साँस का आना जाना,

झूठी है ये काया,

यहाँ साँचो तेरो नाम रे ।


बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥


रंग में तेरे, रंग गयी गिरधर,

छोड़ दिया जग सारा,

बन गयी तेरे प्रेम के जोगन,

ले के मन एकतारा,

मुझे प्यारा तेरा धाम रे ।


बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥


दर्शन तेरा, जिस दिन पाऊँ,

हर चिंता मिट जाये,

जीवन मेरा इन चरणों में,

आस की ज्योत जलाये,

मेरी बाँह पकड़ लो श्याम रे ।


बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥

तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो (Prayer Tumhi Ho Mata Pita Tumhi Ho )

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।
तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

किस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत

चंपा षष्ठी का पर्व भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है।

झंडा बजरंग बली का (Jhanda Bajrangbali Ka)

लहर लहर लहराए रे,
झंडा बजरंग बली का,

29 या 30 नवंबर, मासिक शिवरात्रि कब है?

मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

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