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बनवारी रे! जीने का सहारा तेरा नाम रे (Banwari Re Jeene Ka Sahara Tera Naam Re)

बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥


झूठी दुनिया, झूठे बंधन,

झूठी है ये माया,

झूठा साँस का आना जाना,

झूठी है ये काया,

यहाँ साँचो तेरो नाम रे ।


बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥


रंग में तेरे, रंग गयी गिरधर,

छोड़ दिया जग सारा,

बन गयी तेरे प्रेम के जोगन,

ले के मन एकतारा,

मुझे प्यारा तेरा धाम रे ।


बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥


दर्शन तेरा, जिस दिन पाऊँ,

हर चिंता मिट जाये,

जीवन मेरा इन चरणों में,

आस की ज्योत जलाये,

मेरी बाँह पकड़ लो श्याम रे ।


बनवारी रे,

जीने का सहारा तेरा नाम रे,

मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥

जयपुर से लाई मैं तो चुनरी (Jaipur Se Layi Main Chunri)

जयपुर से लाई मैं तो,
चुनरी रंगवाई के,

सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन (Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahare Gote Mein)

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,

संगीत प्रारंभ पूजा विधि

भारतीय परंपरा में संगीत को आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति का साधन माना जाता है। इसलिए जब कोई व्यक्ति संगीत सीखने की शुरुआत करता है, तब वो एक संगीत प्रारंभ पूजा करता है।

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