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शेरावाली की जय बोलो (Sherowali Ki Jai Bolo)

मेरी मैया शेरोवाली है,

करे भक्तो की रखवाली है,

सब भक्तो मिलकर जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


श्लोक – नाम जो अम्बे रानी का,

मन से प्राणी गाएगा,

उसका बेडा भव सागर से,

पल भर में तर जाएगा,

लाज रखती है भक्तो की,

बिन मांगे ही सब पाएगा,

और सच्चे मन ऐ ‘लख्खा’,

जो जयजयकार बुलाएगा ॥


मेरी मैया शेरोवाली है,

करे भक्तो की रखवाली है,

सब भक्तो मिलकर जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


माँ सर्व मंगला काली है,

नवदुर्गा खप्पर वाली है,

खप्पर वाली की जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


ममता मई ममता लुटाती है,

भक्तो की बिगड़ी बनाती है,

ममता मई माँ की जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


जो सच्चे मन से ध्याता है,

मुँह माँगा वर वो पाता है,

सच्चे दरबार की जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


जो शरण में माँ की आया है,

वो झोली भर कर लाया है,

फिर सच्चे मन से जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


ताराचंद महिमा गाता है,

‘लख्खा’ भी शीश झुकाता है,

एक बार जरा तो जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


मेरी मैया शेरोवाली है,

करे भक्तो की रखवाली है,

सब भक्तो मिलकर जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


शेरावाली की जय बोलो,

मेहरावाली की जय बोलो,

अम्बेरानी की जय बोलो,

वैष्णोरानी की जय बोलो,

जोतावाली की जय बोलो,

पहाड़ावाली की जय बोलो,

शेरावाली की जय बोलो ॥


श्री शाकम्भरी चालीसा (Shri Shakambhari Chalisa)

बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान ।
शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान ॥

षटतिला एकादशी: विष्णु और नारद प्रसंग

हिंदू धर्म में, यूं तो प्रत्येक एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। पर षटतिला एकादशी उन सब में भी विशेष मानी जाती है। 2025 में, षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी को है। इस दिन पूजा और व्रत करने से साधक को मोक्ष प्राप्त होती है।

कुंभ संक्रांति पूजा-विधि और नियम

जिस तरह सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश से मकर संक्रांति मनाई जाती है। उसी तरह जिस दिन सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश कर सकते हैं, वह दिन कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

अग्नि देवता की पूजा विधि क्या है?

सनातन धर्म में अग्नि देवता को देवताओं का मुख माना जाता है। वे देवताओं और मनुष्यों के बीच एक संदेशवाहक भी माने जाते हैं। अग्नि देवता यज्ञों के देवता भी हैं।

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