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ओढ़ के चुनरिया लाल, मैया जी मेरे घर आना (Odh Ke Chunariya Lal Maiya Ji Mere Ghar Aana)

ओढ़ के चुनरिया लाल,

मैया जी मेरे घर आना,

मैया जी मेरे घर आना,

मैया जी मेरे घर आना,

ओढ़ के चुनरियाँ लाल,

मैया जी मेरे घर आना ॥


आप भी आना,

गणपतिजी को लाना,

आप भी आना,

गणपतिजी को लाना,

रिद्धि सिद्धि होंगे दयाल,

मैया जी मेरे घर आना,

ओढ़ के चुनरियाँ लाल,

मैया जी मेरे घर आना ॥


आप भी आना,

बजरंगी जी को लाना,

आप भी आना,

बजरंगी जी को लाना,

कष्टों का टूटेगा जाल,

मैया जी मेरे घर आना,

ओढ़ के चुनरियाँ लाल,

मैया जी मेरे घर आना ॥


आप भी आना,

संग गौरा जी को लाना,

आप भी आना,

संग गौरा जी को लाना,

देखेंगे भोले का कमाल,

मैया जी मेरे घर आना,

ओढ़ के चुनरियाँ लाल,

मैया जी मेरे घर आना ॥


आप भी आना,

संग लक्ष्मी जी को लाना,

आप भी आना,

संग लक्ष्मी जी को लाना,

सब हो जाएंगे मालामाल,

मैया जी मेरे घर आना,

ओढ़ के चुनरियाँ लाल,

मैया जी मेरे घर आना ॥


ओढ़ के चुनरिया लाल,

मैया जी मेरे घर आना,

मैया जी मेरे घर आना,

मैया जी मेरे घर आना,

ओढ़ के चुनरियाँ लाल,

मैया जी मेरे घर आना ॥

आज अयोध्या की गलियों में, घुमे जोगी मतवाला: भजन (Aaj Ayodhya Ki Galiyon Mein Ghume Jogi Matwala)

आज अयोध्या की गलियों में,
घुमे जोगी मतवाला,

शाबर मंत्र पढ़ने के नियम

शाबर मंत्र भारत की प्राचीन तांत्रिक परंपरा का हिस्सा हैं। ये अपनी सहजता और प्रभावशीलता के लिए प्रसिद्ध है। इन मंत्रों का उपयोग व्यक्ति के भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है।

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।