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तेरे चरण कमल में श्याम(Tere Charan Kamal Mein Shyam)

तेरे चरण कमल में श्याम,

लिपट जाऊ राज बनके ।

लिपट जाऊ राज बनके,

लिपट जाऊ राज बनके ।

तेरे चरण कमल में श्याम,

लिपट जाऊ राज बनके ॥


नित नित तेरा दर्शन पाऊ,

हर्ष हर्ष के हरी गुण गाऊ ,

मेरी नस नस बस जाऊ श्याम ,

बरस जाओ रस बनके,


तेरे चरण कमल में श्याम,

लिपट जाऊ राज बनके ।

लिपट जाऊ राज बनके,

लिपट जाऊ राज बनके ।

तेरे चरण कमल में श्याम,

लिपट जाऊ राज बनके ॥


छिन छिन* तेरा सुमरण हॉवे,

हर पल तुज्पे अरपन हॉवे,

हरी सब दिन आठो याम,

रुके मन के मनके,


तेरे चरण कमल में श्याम,

लिपट जाऊ राज बनके ।

लिपट जाऊ राज बनके,

लिपट जाऊ राज बनके ।

तेरे चरण कमल में श्याम,

लिपट जाऊ राज बनके ॥

श्री शाकम्भरी चालीसा (Shri Shakambhari Chalisa)

बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान ।
शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान ॥

अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

भोले की सवारी देखो आई रे (Bhole Ki Sawari Dekho Aayi Re)

बाबा की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखो आई रे,

पापमोचनी एकादशी विष्णु पूजा विधि

पापमोचनी एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है। पापमोचनी एकादशी व्रत का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है, जहां इस बात की चर्चा की गई है, की इस व्रत का पालन करने से मनुष्य अपने पिछले जन्मों के दोषों से भी मुक्त हो सकता है।

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