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राम को मांग ले मेरे प्यारे (Ram Ko Maang Le Mere Pyare)

राम को मांग ले मेरे प्यारे

उम्र भर को सहारा मिलेगा

सिर्फ इनकी शरण ही में

जिंदगी भर गुजारा मिलेगा

राम को मांग ले मेरे प्यारे


कितना दो हाथों से ले सकेगा

देने वाले की है लाख बांहें

इसकी बांह पकड़ कर तो देखो

खुशनुमा सा नजारा मिलेगा

राम को मांग ले मेरे प्यारे


खुद को तन्हा समझता है तू

कण कण में वह समाया है

दुख में आवाज देकर तो देखो

कौशल्या का दुलारा मिलेगा

राम को मांग ले मेरे प्यारे


रुप नैनो में इनको बसा लो

नाम लेते रहो चलते - फिरते

चाहे तूफां हो या भंवर हो

हर सफर में किनारा मिलेगा

राम को मांग ले मेरे प्यारे

उम्र भर को सहारा मिलेगा

घर आये राम लखन और सीता(Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita)

घर आये राम लखन और सीता,
अयोध्या सुन्दर सज गई रे,

नंगे नंगे पाँव चल आ गया री(Nange Nange Paon Chal Aagaya Ri)

नंगे नंगे पाँव चल आगया री माँ,
इक तेरा पुजारी ॥

दशहरा पूजन विधि

हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयदशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाता है जो कि अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है।

रख लाज मेरी गणपति(Rakh Laaj Meri Ganpati)

रख लाज मेरी गणपति,
अपनी शरण में लीजिए ।