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मोरे गणपति गणेश करों किरपा(More Ganpati Ganesh Karo Kirpa)

मोरे गणपति गणेश करो किरपा ॥

दोहा – मेरा मुझ में कुछ नहीं,

जो कुछ है सब तोय,

तेरा तुझको सौंप दूँ,

प्रभु क्या लागे है मोय ॥


मोरे गणपति गणेश करो किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा,

किरपा करो महाराज गजानन,

माँ गौरा के लाल,

गजानन किरपा,

मोरे गणपति गणेश करों किरपा

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


माँ गौरा के लाल हो प्यारे,

शंकर जी की आंखों के तारे,

सबसे पहले तुम को मनाएं,

तुम जो मानो तो गजब हुई जाए,

करो किरपा,

मोरे गणपति गणेश करों किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


लाल सिंदूर चढ़े गजमुख को,

मूषक की है सवारी,

तेरे दर्शन करने बाबा,

ये दुनिया सब आई,

सब लाए फूलों की माला,

सब लाए फूलों की माला,

मैं आया हूँ खाली बाबा मेरे,

करो किरपा,

मोरे गणपति गणेश करों किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


मैं नहीं जानू पूजा तेरी,

सुन लेना ओ बाबा मेरी,

बार ही बार करूँ मैं विनती,

सुन लेना एक बार ओ बाबा मेरी,

करो किरपा,

मोरे गणपति गणेश करों किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


मोरे गणपति गणेश करों किरपा,

मोरे राजा महाराजा करो किरपा,

किरपा करो महाराज गजानन,

माँ गौरा के लाल,

गजानन किरपा,

मोरे गणपति गणेश करों किरपा

मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥


तुम कालों के काल, बाबा मेरे महाकाल(Tum Kalo Ke Kal Baba Mere Mahakal )

तुम कालों के काल,
बाबा मेरे महाकाल ॥

जिस देश में, जिस भेष में, जिस धाम में रहो(Jis Desh Mein Jis Vesh Main Raho)

जिस देश में, जिस भेष में, जिस धाम में रहो
राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो (Kanak Bhawan Darwaje Pade Raho)

प्रभु श्रीसीतारामजी काटो कठिन कलेश
कनक भवन के द्वार पे परयो दीन राजेश

जानें त्रिपुर भैरवी की महिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन मां भगवती त्रिपुर भैरवी की जयंती मनाई जाती है। यह दिन मां त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति के रूप में मनाया जाता है जो शक्ति और साधना की प्रतीक हैं।

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