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तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना (Tumhe Vandana Tumhe Vandana)

तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,

हे बुद्धि के दाता,

सब वेदों के ज्ञाता,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥


एक दंत दयावंत,

चार भुजा धारी,

माथे पे सिंदूर सोहे,

मूसे की सवारी,

मैया तुम्हे बुलाए,

गोरा तुम्हे बुलाए,

कह कह के ललना,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥


पान चढ़े फूल चढ़े,

और चढ़े मेवा,

लड्डअन का भोग लगे,

संत करें सेवा,

भोले बाबा तुम्हें झुलावे,

शंकर बाबा तुम्हें झुलावे,

रेशम के पलना,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥


अंधन को आंख देत,

कोडिन को काया,

बांझन को पुत्र देत,

निर्धन को माया,

भक्तों की विनती को,

दीनों की विनती को,

अब गणपति जी सुनना,

तुम्हें वंदना है तुम्हें वंदना ॥


तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,

हे बुद्धि के दाता,

सब वेदों के ज्ञाता,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥

दिसंबर माह के व्रत, त्योहार

दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे(Mere Ram Mere Ghar Ayenge Ayenge Prabhu Ayenge)

मेरे राम मेरे घर आएंगे,
आएंगे प्रभु आएंगे

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा(Ho Gaye Bhav Se Par Lekar Naam Tera)

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा
वाल्मीकि अति दुखी दीन थे,

मैं ढूँढता तुझे था - प्रार्थना (Mai Dhundta Tujhe Tha: Prarthana)

मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में ।
तू खोजता मुझे था, तब दीन के सदन में ॥

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