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हे वीणा वादिनी सरस्वती, हंस वाहिनी(Hey Veena Vadini Saraswati Bhajan)

हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


तू राह दिखाना मात मेरी

साथ निभाना मात मेरी

अँधियारा है अंतर मन

ज्योत जलना मात मेरी ..x2


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥ ..x2


मन में करुणा भर देती

निष्पाप ह्रदय तू कर देती

भक्ति से तुझे पूजे जो

सुबह आस तू मन में भर देती ..x2


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


हे वीणा वादिनी सरस्वती

हंस वाहिनी सरस्वती

विद्या दायिनी सरस्वती

नारायणी नमोस्तुते ॥


भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे (Bhajan Shyam Sundar Ka Jo Karte Rahoge)

भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,
तो संसार सागर तरते रहोगे ।

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

गणेश चतुर्थी व्रत कथा

गणेश चतुर्थी को गणपति जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संपूर्ण विधि-विधान के साथ घर में एक दिन, दो दिन, तीन दिन या फिर 9 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना की जाती है।

आता रहा है सांवरा, आता ही रहेगा (Aata Raha Hai Sanwara, Aata Hi Rahega)

आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,