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मेरे बालाजी सरकार, के तो रंग निराले (Mere Balaji Sarkar Ke To Rang Nirale Hai)

मेरे बालाजी सरकार,

के तो रंग निराले,

दया द्रष्टि करते सब पर,

मेहंदीपुर वाले है,

मेरें बालाजी सरकार,

के तो रंग निराले ॥


रूप रंग है लाल लाल है,

कही तू काला काला,

मेहंदीपुर में सजके बैठा,

माँ अंजनी का लाला,

राम नाम की जपते रहते,

हरदम कंठी माला,

दर्शन मात्र से खुल जाता है,

बंद किस्मत का ताला,

लाखो की संख्या में,

आने जाने वाले है,

मेरें बालाजी सरकार,

के तो रंग निराले ॥


बल की कोई नहीं है सीमा,

ऐसे है बलधारी,

भुत प्रेत सब थर थर कांपे,

देख गदा बस भारी,

जिनकी चोखट पे आते,

जाते है सब नर नारी,

संकट मोचन संकट हरते,

जाने दुनिया सारी,

सोने की लंका को स्वयं,

जलाने वाले है,

मेरें बालाजी सरकार,

के तो रंग निराले ॥


बालाजी संग प्रेतराज,

भैरव का दर्शन पाएं,

लड्डू चावल उड़द से,

तीनो देव को भोग लगाएं,

श्रध्दा सुमन चढ़ा के,

अपना मन वांछित फल पाएं,

जिसके चरणों में धर ‘धीरज’,

अपना शीश झुकाएं,

‘अंजलि’ के स्वर में,

सब के सब गाने वाले है,

मेरें बालाजी सरकार,

के तो रंग निराले ॥


मेरे बालाजी सरकार,

के तो रंग निराले,

दया द्रष्टि करते सब पर,

मेहंदीपुर वाले है,

मेरें बालाजी सरकार,

के तो रंग निराले ॥

कब है माघ पूर्णिमा व्रत

सनातन हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। जिससे उनका जीवन खुशहाल होता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।

नौ नौ रूप मैया के तो, बड़े प्यारे लागे (Nau Nau Roop Maiya Ke To Bade Pyare Lage)

नौ नौ रूप मैया के तो,
बड़े प्यारे लागे,

बाहुबली से शिव तांडव स्तोत्रम, कौन-है वो (Shiv Tandav Stotram And Kon Hai Woh From Bahubali)

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विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में विशेष उत्सव और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं।

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