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तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो (Prayer Tumhi Ho Mata Pita Tumhi Ho )

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥


तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे ।

कोई ना अपना सिवा तुम्हारे ॥

तुम ही हो साथी, तुम ही सहारे ।

कोई ना अपना सिवा तुम्हारे ॥


तुम ही हो नईया, तुम ही खिवईया ।

तुम ही हो बंधू, सखा तुम ही हो ॥


तुम ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥


जो खिल सके ना वो फूल हम हैं ।

तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं ॥

जो खिल सके ना वो फूल हम हैं ।

तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं ॥


दया की दृष्टि, सदा ही रखना ।

तुम ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥


तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

भोले दी बरात - भजन (Bhole Di Baraat)

भोले दी बरात चढ़ी,
गज वज के,

बिना राम रघुनंदन के, कोई नहीं है अपना रे (Bina Ram Raghunandan Ke Koi Nahi Hai Apna Re)

बिना राम रघुनंदन के,
कोई नहीं है अपना रे,

राम को देख कर के जनक नंदिनी (Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini)

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