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एक तू ही है मेरा, बाकी सब है वहम(Ek Tu Hi Hai Mera Baki Sab Hai Veham)

मेरे बाबा साथ,

छोड़ना ना तुझे है कसम,

एक तू ही है मेरा,

बाकी सब है वहम,

मेरे बाबा साथ,

छोड़ना ना तुझे है कसम॥ 


मिलता सब कुछ,

दरबार में तेरे जो भी आता है,

लो आ गई मैं भी दर पे,

मुझको भी हो कृपा,

मेरी सुनले बाबा,

बाणधारी खाटू के चमन,

एक तू ही हैं मेरा,

बाकी सब है वहम,

मेरे बाबा साथ,

छोड़ना ना तुझे है कसम ॥


चलना साथ हरदम,

बाबा मैं विश्वास लाइ हूँ,

दुनिया से हार गई हूँ,

तेरे दर पे आई हूँ,

रहना हरपल बाबा,

साथ मेरे तुझे है कसम,

एक तू ही हैं मेरा,

बाकी सब है वहम,

मेरे बाबा साथ,

छोड़ना ना तुझे है कसम ॥


आऊं नगरी तेरी तो,

मैं बस तेरी हो जाऊं,

तेरे दर्शन जो कर लूँ,

मैं तुझमे खो जाऊं,

तेरे मिलने की दुरी अब,

हुई है ख़तम,

एक तू ही हैं मेरा,

बाकी सब है वहम,

मेरे बाबा साथ,

छोड़ना ना तुझे है कसम ॥


मेरे बाबा साथ,

छोड़ना ना तुझे है कसम,

एक तू ही है मेरा,

बाकी सब है वहम,

मेरे बाबा साथ,

छोड़ना ना तुझे है कसम ॥

नरक चतुर्दशी 2024: कब है नरक चतुर्दशी? जानें तिथि, पूजा विधि, कथा, महत्व

नरक चतुर्दशी, रूप चौदस या छोटी दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो दिवाली के एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित है।

राम भजन - सीताराम सीताराम जपा कर (Sita Ram Japa Kar)

सीताराम सीताराम जपाकर
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नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

रामनवमी की पौराणिक कथा

सनातन धर्म में श्रीराम का विशेष महत्व है। इसलिए हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष के नौवें दिन श्रीराम के निमित्त रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था।