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श्याम संग प्रीत - भजन (Shyama Sang Preet)

दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू

दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू


दर्द ना कहूं मैं किसी से

बस तो से बाटूं

दर्द ना कहूं मैं किसी से

बस तो से बाटूं


मुझको सताए जो आ के अभी दर्द

बस नाम है तेरा लेना

गम मेरे हर के तू ओ मेरे बाबा

बस खुशियां मुझको तू देना


तेरा ही नाम लेके मैं बाबा

रोज चलता रहता हूं


श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

बाबा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं


शीश जो मांगा हरि ने एक बार में दे डाला

कलयुग में रूप हरि का लेके संसार को पाला

शीश जो मांगा हरि ने एक बार में दे डाला

कलयुग में रूप हरि का लेके संसार को पाला


हारे का तुम ही केवल हो एक सहारा

जिसका ना कोई जगत में श्याम हमारा

तेरी बदौलत हर कष्ट रोज हंसते हुए ही तो सहता हूँ


श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

बाबा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं


तीन बाण धारी हारे युद्ध के सहाय

शीश से बाबा तुम शिरगुल कहलाए

तीन बाण धारी हारे युद्ध के सहाय

शीश से बाबा तुम शिरगुल कहलाए


माता मोरब के हो राज दुलारे

कृष्ण कन्हैया के भी हो अति प्यारे

एक तुम्हें श्यामा मेरे हो बाकी सबको पराया मैं कहता हूं


श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

बाबा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

खुल गया बैंक राधा, रानी के नाम का(Khul Gaya Bank Radha Rani Ke Naam Ka)

खुल गया बैंक राधा,
रानी के नाम का,

म्हारी झुँझन वाली माँ, पधारो कीर्तन में(Mhari Jhunjhan Wali Maa Padharo Kirtan Me)

म्हारी झुँझन वाली माँ,
पधारो कीर्तन में,

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना (Main Bhi Bolun Ram Tum Bhi Bolo Na)

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना, राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥

जगत के रंग क्या देखूं (Jagat Ke Rang Kya Dekhun)

जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।