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Shyam Teri Bansi Pukare Radha Naam (श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम - भजन)

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम


साँवरे की बंसी को बजने से काम

राधा का भी श्याम वोतो मीरा का भी श्याम


जमुना की लहरें बंसीबट की छैयां

किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया

श्याम का दीवाना तो सारा बृज धाम

॥ लोग करें मीरा को...॥


कौन जाने बाँसुरिया किसको बुलाए

जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाए

कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम


श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

वृंदावनी वेणू (Vrindavani Venu)

वृंदावनी वेणु कवणाचा माये वाजे ।
वेणुनादें गोवर्धनु गाजे ॥

इष्टि पौराणिक कथा और महत्व

इष्टि, वैदिक काल का एक विशेष प्रकार का यज्ञ है। जो इच्छाओं की पूर्ति और जीवन में शांति लाने के उद्देश्य से किया जाता है। संस्कृत में 'इष्टि' का अर्थ 'यज्ञ' होता है। इसे हवन की तरह ही आयोजित किया जाता है।

नई दुकान की पूजा विधि

किसी भी व्यक्ति के लिए नया व्यापार शुरू करना जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह एक नई उम्मीद और सपनों की शुरुआत होती है। इसी कारण हर व्यवसायी अपनी दुकान की स्थापना के समय पूजा करता है।

राम नाम ना गाया तूने, बस माया ही जोड़ी (Ram Naam Na Gaya Tune Bas Maya Hi Jodi)

राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,