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स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा - भजन (Swagatam Krishna Sharanagatam Krishna)

स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा,

स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,

स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,

स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा ॥


अभी आता ही होगा सलोना मेरा,

हम राह उसी की तका करते हैं,

कविता-सविता नहीं जानते हैं,

मन में जो आया सो बका करते हैं ॥


पड़ते उनके पद पंकज में,

चलते-चलते जो थका करते हैं,

उनका रस रूप पिया करते हैं,

उनकी छवि-छाक छका करते हैं ॥


अपने प्रभु को हम ढूंढ लियो,

जैसे लाल अमोलख लाखों में,

प्रभु के अंग में जितनी नरमी,

उतनी नर्मी नहीं माखन में ॥


स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा,

स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,

स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,

स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा ॥


नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें

कलश स्थापना को शुभता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कलश में जल को ब्रह्मांड की सभी सकारात्मक ऊर्जाओं का स्रोत माना गया है।

श्रीकृष्ण लीला: जब बाल कान्हा ने फल वाली अम्मा की झोली हीरे-मोती से भर दी

भगवान अपने भक्तों को कब, कहा, क्या और कितना दे दें यह कोई नहीं जानता। लेकिन भगवान को अपने सभी भक्तों का सदैव ध्यान रहता है। वे कभी भी उन्हें नहीं भूलते। भगवान उनके भले के लिए और कल्याण के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

रास कुन्जन में ठहरायो (Raas Kunjan Me Thahrayo)

रास कुन्जन में ठहरायो,
रास मधुबन में ठररायो,