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स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा ॥
अभी आता ही होगा सलोना मेरा,
हम राह उसी की तका करते हैं,
कविता-सविता नहीं जानते हैं,
मन में जो आया सो बका करते हैं ॥
पड़ते उनके पद पंकज में,
चलते-चलते जो थका करते हैं,
उनका रस रूप पिया करते हैं,
उनकी छवि-छाक छका करते हैं ॥
अपने प्रभु को हम ढूंढ लियो,
जैसे लाल अमोलख लाखों में,
प्रभु के अंग में जितनी नरमी,
उतनी नर्मी नहीं माखन में ॥
स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं सुस्वागतं शरणागतं कृष्णा,
स्वागतं कृष्णा शरणागतं कृष्णा ॥