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मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया

हारे के साथी कहाते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

साथ निभाते हो सदा तुम गरीबो का

थामते हो हाथ सदा बदनसीबों का

नाव है मेरी सांवरे भंवर

मांझी ना कोई मेरा हमसफ़र

अश्क भी हमारे कहते हैं ये ही श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


भीलनी के बेर भी आये थे खाने

द्रौपदी का चीर भी आये थे बढ़ाने

ऐसी क्या कमी मेरे प्यार में

बीते ज़िन्दगी इंतज़ार में

दिल में अब हमारे उठते ये ही सवाल

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


सोइ है तक़दीर भी हँसता है ज़माना

हर कदम पे लड़खड़ाए तेरा दीवाना

कह रहा मोहित आ जाओ गोपाल

मुश्किलों में है आज तेरा लाल

बात मेरी रखने आते क्यों नहीं श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम


हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

सुना हमने बिगड़ी बनाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

हारे के साथी कहाते हो श्याम

मेरी लाज क्यों ना बचते हो श्याम

केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके

कृपा की न होती जो, आदत तुम्हारी(Kirpa Ki Na Hoti Jo Addat Tumhari)

मैं रूप तेरे पर, आशिक हूँ,
यह दिल तो तेरा, हुआ दीवाना

क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी, क्या है पूजन विधि, बांके बिहारी का ये है प्रिय भोज; जानें श्रीकृष्ण की जन्म कथा

श्रीमद्भगवद भगवत गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं ‘जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होगी, तब-तब मैं जन्म लूंगा।’

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