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चलो मन वृन्दावन की ओर (Chalo Mann Vrindavan Ki Aur)

चलो मन वृन्दावन की ओर,

प्रेम का रस जहाँ छलके है,

कृष्णा नाम से भोर,

चलो मन वृंदावन की ओर ॥


भक्ति की रीत जहाँ पल पल है,

प्रेम प्रीत की डोर,

राधे राधे जपते जपते,

दिख जाए चितचोर,

चलो मन वृंदावन की ओर ॥


उषा की लाली के संग जहाँ,

कृष्णा कथा रस बरसे,

राधा रास बिहारी के मंदिर,

जाते ही मनवा हरषे,

ब्रिज की माटी चंदन जैसी,

मान हो जावे विभोर,

चलो मन वृंदावन की ओर ॥


वन उपवन में कृष्णा की छाया,

शीतल मन हो जाए,

मन भी हो जाए अति पावन,

कृष्णा कृपा जो पाए,

नारायण अब शरण तुम्हारे,

कृपा करो इस ओर,

चलो मन वृंदावन की ओर ॥

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं (Bhole Baba Tere Darbar Mein Jo Aate Hai)

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते है ॥

होलिका दहन के दौरान ना करें ये गलती

होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए होलिका दहन किया जाता है।

तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में

दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)

दुर्गा चालीसा पाठ

धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

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