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संसार ने जब ठुकराया तब द्वार तेरे प्रभु आया(Sansaar Ne Jab Thukraya)

संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


मैने तुझे कभी ना ध्यया

तूने सदा सदा अपनाया

संसार ने जब ठुकराया ॥


मैं मद माया में झूला

तेरे उपकर को भूला

मैं मृग माया में झूला

तेरे उपकर को भूला


तूने कभी नही बिसराया

तूने सदा सदा अपनाया

मैं ही जाग भरमाया

तूने सदा सदा अपनाया

संसार ने जब ठुकराया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


था नींद में सोया

शुभ अवसर हाथ से खोया

शुभ अवसर हाथ से खोया

जब लूट रही थी माया

तूने कितनी बार जगाया

संसार ने जब ठुकराया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


जग में सब कुछ था तेरा

मैं कहता रहा मेरा मेरा

मैं कहता रहा मेरा मेरा

अब अंत समय जब आया

मैं मन मन ही पछताया

हरि शरण तुम्हारी आया

तब चरण मही चढ़ाया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥


संसार ने जब ठुकराया

तब द्वार तेरे प्रभु आया ॥

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बाबा महाकाल तेरा,
सारा जग दीवाना है,

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अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
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तर जाएगा ले नाम राम का,
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कार्तिगाई दीपम क्यों मनाते हैं

कार्तिगाई दीपम पर्व प्रमुख रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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